भगवान से भी ना डरने वाला अतरंगी यूट्यूब चैनल 'द सूत्र' The Sootr
- Byline
- 12 जुल॰ 2021
- 4 मिनट पठन

bhadas4media.com | 9 जुलाई 2021 | साभार : https://www.bhadas4media.com
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि भोपाल से शुरू हुए यूट्यूब चैनल 'द सूत्र' को लेकर स्थानीय स्तर पर काफी हवा थी क्योंकि इसे दैनिक भास्कर भोपाल समूह के पूर्व नैशनल एडिटर मार्केट में बतौर एडिटर-इन-चीफ व निदेशक ला रहे थे। टीजर्स और प्रोमो ने अच्छी झांकी खीच रखी थी, उम्मीदों का ग्राफ हाई था। लेकिन एक हफ्ते में ही गुब्बारे की हवा निकल गई और पहला विकेट गिर गया है। यहां अमित पाठे पवार ने बतौर एग्ज़ीक्यूटिव कॉन्टेन्ट प्रॉड्यूसर जॉइन किया था। इससे पहले उनकी 3 साल लंबी पारी 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' के भोपाल कॉर्पोरेट ऑफिस में बतौर ग्राफिक डिज़ाइनर रही। इससे पहले अमित ने डीबी पोस्ट भोपाल, Delhi Times The Times of India, NBT नवभारत टाइम्स लखनऊ, दैनिक भास्कर भोपाल और राजस्थान पत्रिका जयपुर की संपादकीय व डिज़ाइनिंग टीम में काम किया है। 'द सूत्र' की औपचारिक लॉन्चिंग 1 जुलाई को हुई है। बता दें कि इस यूट्यूब चैनल ने अपनी पंच लाइन 'हम सिर्फ भगवान से डरते हैं' रखी है। 'द सूत्र' प्रबंधन का दावा है कि वह सरकारी विज्ञापन नहीं लेंगे, हालांकि यहां सरकार यूट्यूब चैनल्स और न्यूज़ पोर्टल्स को विज्ञापन देती ही नहीं है। फिर मोबाइल एप पर सरकारी विज्ञापन मिलना तो दूर की बात है। खैर, 'द सूत्र' प्रबंधन का दावा है कि वह 'समाज पोषित' पत्रकारिता करेगा। क्राउड फंडिंग, यानी लोगों से चंदा लेकर यह यूट्यूब चैनल और इसका खर्चा चलाया जाएगा। लेकिन सच्चाई ये है कि आनंद पांडे बिल्डर्स आदि को लेटर लिखकर फ्री में विज्ञापन ऑफर कर रहे हैं लेकिन मार्केट से रिस्पॉन्स भगवान भरोसे है।

मप्र सरकार के मीडिया को दिए विज्ञापनों की रिपोर्ट - https://youtu.be/qhAZORbKNqY

भगवान की कृपा है कि भोपाल में एमपी नगर प्रेस कॉम्पलेक्स में दैनिक भास्कर की बगल में इसका ऑफिस है। जहां पहले गुटका कारोबारी किशोर वाधवानी के दबंग दुनिया डिजिटल का ऑफिस था। इसका मासिक किराया लाखों में है। गौरतलब है कि इसी बिल्डिंग में द टाइम्स ऑफ इंडिया का एडिटोरियल का इतना ही बड़ा ऑफिस भी है जिसका किराया 1.5 लाख रुपए प्रति महीने के आसपास है।
देखें 'द सूत्र' का आलिशान ऑफिस - https://youtu.be/cJsCs_093JQ

दिहाड़ी मज़दूर की तरह कैश पेमेंट
मुद्दे की बात यह है कि 'द सूत्र' पहले महीने ही अपने कर्मचारियों को समाचार लिखे जाने (9 जुलाई) तक जून की सैलेरी नहीं दे पाया है। जिससे कर्मचारियों का धैर्य कमजोर होता जा रहा है। अमित की जितने सैलेरी पैकेज पर बात हुई थी, लॉन्चिंग के बाद प्रबंधन इससे मुकर गए और सैलेरी देने की कोई संभावित समय सीमा भी नहीं बता पाए। अमित ने बताया कि वहां कोई एचआर या एडमिन का भी कोई अता-पता नहीं है, ना किसी के कोई ऑफिशियल ईमेल्स हैं। सब व्हाट्सअप ग्रुप्स के भरोसे चल रहा है, चाहे वो खबर हो या मैनेजमेंट। चौकाने वाली बात यह है कि जब अमित ने प्रबंधक से सैलेरी को लेकर स्थिति स्पष्ट करने और अकाउंट डिटेल्स देने की बात की तो उन्होंने सैलेरी कैश देने की बात कही। मई में भी यहां सैलेरी कैश में ही बांटी गई थी। ना कोई ऑफर लेटर, जॉइनिंग लेटर, आईडी कार्ड, विज़िटिंग कार्ड, अपॉइंटमेंट लेटर ना ही सैलेरी स्लिप। सब कुछ दिहाड़ी मज़दूर की तरह कैश पेमेंट। सब भगवान भरोसे है।
बीजेपी से संघ तक का आना यहां देखने वाली बात यह है कि 'समाज पोषित' पत्रकारिता करने और 'हम सिर्फ भगवान से डरते हैं' को अपना 'ध्येय वाक्य' कहने वाले यूट्यूब चैनल ने लोगों से चंदा लेने के लिए अपनी अतरंगी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड का एक्सिस बैंक का अकाउंट नंबर दिया है। (Bank Name - Axis Bank, Company Name - Atrangi media Pvt Ltd., Account Number - 921020012735677, Mobile Number - +917000024141, IFSC CODE - UTIB0000044) लेकिन कर्मचारियों को सैलेरी कैश में बांटी जा रही है जिसे इन्वेस्टर, स्पॉन्सर और पैसे के स्त्रोत व चंदे को लेकर अटकलें लगाईं जा रहीं हैं। 'द सूत्र' के ऑफिस में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से लेकर संघ परिवार के वरिष्ठ करीबियों का आना और लंबी मीटिंग का दौर होता है।
बड़े नामों के बासी व साभार लेख भरे : गौरतलब है कि 'द सूत्र' दावा करता है कि आलोक मेहता, वेदप्रकाश वैदिक, एनके सिंह(भोपाल), जगदीश उपासने, एनके सिंह (दिल्ली) और ऋचा अनिरूद्ध भी उनसे जुड़े हुए हैं। हालांकि लॉन्चिंग से पहले लेकर अभी तक इन पत्रकारों की ना कोई स्टोरी या वीडियो वेबसाइट पर आया है। इनमें से कोई ग्रैंड लॉन्चिंग में भी नहीं आया। 'द सूत्र' की वेबसाइट पर भी इन वरिष्ठ मीडिया आइकन्स का उनसे जुड़ाव का कोई जिक्र है और ना ही फोटो है। हालांकि, वेबसाइट के 'विचार मंथन' टैब में आलोक मेहता और वेदप्रकाश वैदिक के प्रकाशित हो चुके बासी साभार लेख हैं।
कौन-कौन हैं 'सूत्र' टीम में :
आनंद पांडे, एडिटर-इन-चीफ व निदेशक (पूर्वः नैशनल एडिटर, दैनिक भास्कर भोपाल समूह)
हरीश दिवेकर, मैनेजिंग एडिटर व निदेशक (पूर्वः एसोसिएट एडिटर - ज़ी एमपी-छग, डीबी पोस्ट)
सुनील शुक्ला, सिटी एडिटर (पूर्वःदैनिक भास्कर, भागलपुर)
सुमित अवस्थी, अनौपचारिक प्रबंधक
चक्रेश महोबिया, चीफ कॉन्टेंट एग्जीक्यूटिव (पूर्वः पत्रिका टीवी)
नीरज गुप्ता, प्रोडक्ट हेड (टेक, वेब व एप) कंसल्टेंट
अतुल तिवारी, चीफ कॉन्टेंट राइटर (पूर्वः चीफ सब एडिटर, दैनिक भास्कर डॉट कॉम, भोपाल)
विजय मांडगे, चीफ कॉन्टेंट एग्जीक्यूटिव (पूर्वः बंसल न्यूज़ चैनल, भोपाल)
रविन्द्र दुबे, एडिटर - महाकौशल
ललित उपमन्यु, एडिटर - मालवा
राहुल शर्मा, दीपेन्द्र राजपूत, अंकुश मौर्य - कॉन्टेंट जनरेटर
आशीष विश्वकर्मा, कॉन्टेंट राइटर (पूर्वः दैनिक भास्कर डॉट कॉम, भोपाल)
ऋिका व कृतिका, एंकर व कॉन्टेंट राइटर
इंटर्न - 3
नीलेश व रवि- कैमरामैन
-----------------------------------
(www.bylinecity.com बायलाइन सिटी अपने पृष्ठों को नियमित रूप से अपडेट करता है। सूचना को बिना सूचना के हटाया, बदला या अद्यतन किया जा सकता है। साइट की जानकारी का विवरण, छंटाई और संपादन हमारी व्यक्तिगत राय पर आधारित है। हम हमेशा आपको सबसे अच्छी सेवा प्रदान करने का लक्ष्य रखेंगे, लेकिन हमारी "जैसी" सेवा प्रदान की जाती है, हम यह वादा नहीं करते या कर सकते कि हम जो भी जानकारी प्रदान करते हैं, वह हमेशा 100% सटीक होगी। बायलाइन सिटी में बड़ी संख्या में बाहरी वेबसाइटों के लिंक हैं। अन्य साइटों के लिंक प्रदान करने से, द सूत्र इन साइटों पर उपलब्ध जानकारी की गारंटी, समर्थन या अनुमोदन नहीं करता। इस वेबसाइट पर जानकारी में टाइपोग्राफिक त्रुटियां या गलतियां हो सकती हैं। सभी सूचनाएं बिना किसी सूचना के, नियमित आधार पर परिवर्तन के अधीन है। यदि आप उन साइटों पर संदिग्ध सामग्री का सामना करते हैं, जिनसे हमने लिंक किया है, तो कृपया हमें ईमेल करें और हम लिंक को हटाने पर विचार करेंगे।)
コメント