देश की पहली जनजातीय महिला राष्ट्रपति से मिलेंगे मध्यप्रदेश की विशिष्ट पिछड़ी जनजाति के प्रतिनिधि...
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- Jun 11, 2023
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- दिल्ली पहुंचे मध्यप्रदेश की विशिष्ट पिछड़ी जनजाति की 13 महिलाओं सहित 65 प्रतिनिधि - राष्ट्रपति के लिए विशेष जनजातीय भेंट और मोर-मुकुट लेकर देश की राजधानी पहुंचे जनजातीय बंधु

Byline Delhi/Bhopal मध्यप्रदेश की विशिष्ट पिछड़ी जनजाति (पी.वी.टी.जी.) के 65 प्रतिनिधि सोमवार (12 जून 2023) को राष्ट्रपति भवन, नवनिर्मित संसद भवन और अमृत उद्यान के भ्रमण का अवसर मिलेगा। राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले विशिष्ट पिछड़ी जनजाति सम्मेलन (पी.वी.टी.जी. मीट) में शामिल होंगे। इसमें मध्यप्रदेश की बैगा जनजाति के 24, सहरिया के 20 और भारिया के 21 प्रतिनिधि हैं जिनमें 13 महिलाएं भी शामिल हैं। इन प्रतिनिधियों को देश की पहली महिला जनजातीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के मिलने का मौका भी मिलेगा। यह कार्यक्रम कर्तव्य पथ स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित होगा। देशभर से आए लगभग 1456 जनजातीय बंधुओं के लिए यहां भोज भी आयोजित किया जाएगा।
जनजातीय गौरव और सांस्कृतिक पहचान की दिशा में स्वर्णिम पहल
इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के बैगा समुदाय की परधौनी नृत्य प्रस्तुति भी होगी। साथ ही बिहार, गुजरात, केरल, राजस्थान और ओड़िशा के जनजातीय बंधु भी अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। इस विशेष प्रवास कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय की ओर से आयोजित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के लिए यह प्रवास जनजातीय कार्य विभाग के विशिष्ट पिछड़ी जनजाति (पीवीटीजी) प्रभाग के द्वारा समन्वयित किया जा रहा है। प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य, मध्यप्रदेश शासन डॉ. पल्लवी जैन गोविल ने कहा कि यह आयोजन देश व मध्यप्रदेश के जनजातीय गौरव और सांस्कृतिक पहचान को आगे बढ़ाने की दिशा में स्वर्णिम पहल होगी।
राष्ट्रपति को भेंट करेंगे तामिया-पातालकोट का मोर मुकुट
मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा जिले के तामिया और पातालकोट के विशिष्ट पिछड़ी जनजाति भारिया के निवासियों ने राष्ट्रपति के लिए वहां की विशिष्टता छिंद का मोर-मुकुट बनाकर ले गए हैं। साथ ही वे पातालकोट की कंदराओं में पाए जाने वाली 24 तरह की दुर्लभ व विशिष्ट जड़ी-बूटी एवं खाद्य सामग्री भी राष्ट्रपति के लिए बतौर उपहार ले गए हैं। इसमें पातालकोट का प्राकृतिक शहद, अचार, चिरौंजी, गुल्ली, महुआ, बल्हर बीज, हर्रा, सवॉ, कुटकी और गुठली आम आदि शामिल है।
राजधानी में गुंजेगा भरियाटी गीत 'पातालकोटवासी है आदिवासी...'
छिंदवाड़ा के पातालकोट की विशिष्ट पिछड़ी जनजाति भारिया के बंधुओं ने इस कार्यक्रम के लिए 'पातालकोटवासी है आदिवासी...', 'बारह गांव घूमना गारे...' और 'धीरे-धीरे जाइस दूधी नदी...' गीत भी सुनाएंगे। वहीं, सेंट्रल लॉन में राष्ट्रपति महोदया के साथ प्रदेश के इन जनजातीय बंधुओं को भोज एवं फोटो खिंचवाने का अवसर भी मिलेगा।
प्रदेश के 14 पी.वी.टी.जी. बाहुल्य जिलों के प्रतिनिधि होंगे शामिल
इस पी.वी.टी.जी. सम्मेलन एवं दो दिवसीय प्रवास में मध्यप्रदेश के 14 विशिष्ट जनजाति बाहुल्य जिले छिन्दवाड़ा, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, दतिया, अशोकनगर, मुरैना, श्योपुर, बालाघाट, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडौरी और मंडला के जनजातीय बंधु प्रतिभागिता ले रहे हैं।
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