प्रकृति से प्रेम का प्रतीक है महापर्व छठ
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- Nov 4, 2019
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Updated: Nov 7, 2019
शीतल अटकड़े पाठे | Byline Bhopal | Mobile#7067730336
भारत के चारों छोर के मध्य में झीलों के शहर भोपाल में भी महापर्व छठ का उत्साह वही होता है जैसा कि बिहार में। भोजपुरी भाषी लोगों द्वारा मनाया जाने वाला ये परम पावन पर्व पूजा-पाठ की पवित्रता, कठिनता और परंपरा के लिए जाना जाता है। बड़ा तालाब स्थित शीतल दास की बगिया में तालाब किनारें पर कई सालों से प्रतिवर्ष छठ महापर्व मनाया जाता है। तीन दिवसीय इस महापर्व को शहर में कई जगह मनाया जाता है। साथ ही रीगल टाउन के सभी रहवासी व शशि भूषण सिंह के स्नेही और परिजन ने बड़े ही सौहार्द व स्नेह के साथ कैंपस में स्थित कुंड में इस पर्व को सारे विधि विधान के साथ श्रृद्धापूर्वक मनाया।

क्यूं कहा जाता है छठ
तीन दिन के इस निराजला व्रत में सूर्य को अरघ दिया जाता है। पूजन का मुख्य दिन षष्टी पर होता है, जो की दिवाली के छठे दिन की जाती है। साथ ही यह भी मान्यता है कि षष्टी देवी ने अपनी मनोकामना पूरी होने के लिए सूर्य भगवान की उपासना की थी। तभी से इसे छठ त्यौहार का नाम दिया गया।
छठ की शुरुआत
बिहार के औरंगाबाद डिस्ट्रिक्ट के छोटे से गांव "देव" से इस व्रत की शुरुआत हुई। एक छोटे से गांव से निकलकर इस छोटी परंपरा ने आज एक वृहद रूप ले लिया है।

सौहार्द व स्नेह का पर्व
छठ के दौरान रीगल टाउन के सभी रहवासी व शशि भूषण सिंह के स्नेही और परिजन ने बड़े ही सौहार्द व स्नेह के साथ कैंपस में स्थित कुंड में इस पर्व को सारे विधि विधान के साथ श्रृद्धापूर्वक मनाया।

सम्मानित हुए ट्रेकर शशि भूषण सिंह
कमला पार्क के पास शीतल दास की बगिया स्थित छठ घाट पर भोजपुरी एकता मंच की ओर से छठ महोत्सव-2019 का आयोजन किया गया। इसमें कैबिनेट मंत्री पीसी शर्मा के कर कमलों से ट्रेकर शशि भूषण सिंह को उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मानित किया गया।
प्रकृति आराधना का महापर्व छठ सम्भवतः एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें डूबते सूरज की आराधना की जाती है। इस त्योहार का उद्देश्य सूर्य से अपनेपन और निकटता को महसूस करना है। शीतल दास की बगिया के भव्य आयोजन के साथ ही हमारे निवास, अवधपुरी स्तिथ रीगल टाउन कैंपस में भी छठ पर्व की छटा तीनों दिन भिखरी रही। अपने बचपन के छठ उत्सव की स्मृतियों को ध्यान में रखते हुए हमनें नियमानुसार छठ पर्व पूरा किया। इसके लिए हमनें अपने परिसर में एक जल कुंड बनाया। विधि अनुसार पूजन करके प्रकृति से इस अलौकिक प्रेम के पर्व को आस्था के साथ मनाया।
- शशि भूषण सिंह, रहवासी, रीगल टाउन,
अवधपुरी, भोपाल
(Sheetal is a Journalist Mobilographer & the Owner of Byline Bhopal)
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