शहर-ए-ताल से ताल का वादा पूरा
- Byline
- Mar 5, 2019
- 3 min read


SHEETAL ATKADE . Byline Bhopal (mobile#7067730336) @bylinebhopal
ALL PHOTOS: VIKAS BABU
बहुकला केंद्र भारत भवन की 37वीं वर्षगांठ पर ताल के उस्ताद ने भोपाल को उनकी आमद का वादा किया था। भोपाल से उनका 13 फरवरी के लिए वादा-ए-महफिल था। लेकिन सेहत नासाज़ होने के कारण वो नहीं आ पाए थे। 2 मार्च को उन्होंने शहर-ए-ताल से अपना ये वादा निभाया। आखिर वो कहते हैं ना तालों में ताल- भोज ताल, वैसे ही उस्तादों के उस्ताद जनाब जाकिर हुसैन साहब। उन्हें सुनने के लिए शाम से ही श्रोताओं ने भारत भवन के मुक्ताकाश मंच के गेट से लाइन लगानी शुरु कर दी थी। वहां से ये लाइन सामने वाले प्रांगण तक लंबी हो गई। जब उस्ताद मुक्ताकाश मंच पर पधारे तो उन्होंने श्रोताओं को उनकी बैठक के पास बुला लिया। मुक्ताकाश मंच भी मानो हाउसफुल हो गया। इसके बाद भारत भवन के सामने वाले प्रांगण और अंतरंग सभागार के सामने वाले बरामदे में लगे स्क्रीन पर लोगों ने उस्ताद के ताल का आनंद लिया। शिव की वाणी उनका डमरू है, तबले की ताल और सारंगी के मेल से डमरू की आवाज़ के बाद श्रोताओं को उस्ताद ने अलौकिक शंखनाद भी सुनाया। फिर जंगल में घूमता हिरण, टनल ने निकलती रेलगाड़ी की आवाज़ भी सुनाई। इसी कड़ी में उन्होंने श्रोताओं को ऐसी कई सारी आवाज़ें सुर-ताल के तालमेल से सुनाई। आखिर में कुछ बारिश की बूंदे गिरनी शुरू हुई। जिसपर उस्ताद बोले "अब बारिश का वर्णन, क्योंकि शायद आने वाली है। जब बारिश है तो घने बादल भी होंगे, वो तो मैं सामने नहीं दिखा सकता लेकिन उसकी फीलिंग क्या है? वो कुछ ऐसा है...और साथ में बिजली भी... इस तरह उन्होंने श्रोताओं को आनंदित करते हुए अपनी प्रस्तुति का समापन किया।
इनका आना भारत भवन के लिए उपलब्धि की बात
यह भारत भवन के लिए अभूतपूर्व कार्यक्रम है। हज़ारों की संख्या में कला प्रेमी आये हैं। भारत भवन के संकल्प के अनुकूल महान कलाकार उस्ताद ज़ाकिर हुसैन का भारत भवन आना हम सब के लिए प्रसन्नता और उपलब्धि की बात है। तबला के पर्याय के रूप में जाने जाते उस्ताद ज़ाकिर हुसैन ने पूरी दुनिया में भारतीय संगीत का परचप फहराया है और पूरी दुनिया में उनके अनुरागी फैले हुए हैं। वर्तमान समय में उनके कद का कोई भी भारतीय संगीतकार ऐसा नहीं है,जो पूरी दुनिया में बहुत गहरा सम्मान पा रहा हो। उस्ताद ज़ाकिर हुसैन पर हम सब भारतीयों को गर्व है।
- प्रेम शंकर शुक्ल, प्रशासनिक अधिकारी, भारत भवन
(Sheetal is a Journalist, Mobilographer & the owner of Byline Bhopal)
आमद: भारत भवन का एरियल व्यू फोटो जिसमें उसके रंगों की खूबसूरती और श्रोताओं की आमद दिख रही है।
अभिनंदन: मुक्ता काश मंच पर पहुंचते ही उस्ता द ने स्टैंडिंग-ओवेशन दे रहे श्रोताओं का अभिनंदन किया।
साधना: उस्ताद स्वयं अपने तबले उठाकर मंच पर आसीन हुए और श्रोताओं को अपने पास बैठवा लिया।
संतुलन: भारत भवन के मुक्ता काश मंच पर तबलानवाज ज़ाकिर हुसैन और संगतकार
महफिल-ए-उस्ताद, संतुष्टि, नमस्कार, संतुलन, स्वागत: संस्कृति सचिव रेनू तिवारी ने स्वागत किया।
ताल के तीन तल
AMIT PATHE . Byline Bhopal (mobile#8130877024) @amitpathe
उस्ताद जाकिर हुसैन ने श्रोताओं से मजाकिया लहजे में कहा कि मैं यहां 14 जनवरी को आने वाला था, लेकिन किसी वजह से, किसी गलत ढाबे पर खाना खाने से होता है, भोपाल की बिरयानी नहीं थी। तो उसके लिए माफी चाहता हूँ। लेकिन आप सब यहां हैं, मन को बहुत अच्छा लगा। मैंने सोचा मैं यहां आऊंगा और लोग सोचेंगे कि यार वो आज फिर नहीं आएंगे। लेकिन आप सब यहां आए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया।
(Amit is a Journalist & Graphics Designer. Worked for Delhi Times, NBT Lucknow Times, Patrika and Bhaskar group.)
भारत भवन में उस्ताद जाकिर हुसैन की 1997 के बाद यह दूसरी प्रस्तुति
उस्ताद के करीब श्रोताओं की बैठक श्रोताओं का ताता प्रस्तुति से पहले लंबी कतार
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